
नई दिल्ली — 16 जून 2025: वर्ष 2020 में 23 वर्षीय शीतल चौधरी के लापता होने के मामले में पुलिस ने उनके परिवार को गिरफ़्तार किया था। लेकिन तीन वर्षों बाद यह मामला सबूतों के अभाव में पूरी तरह बिखर गया।
शीतल ने 23 अक्टूबर 2019 को अंकित भाटी से आर्य समाज मंदिर में शादी की थी, जो उनके परिवार को मंज़ूर नहीं थी। 2020 की शुरुआत में अंकित ने पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई और अपने ससुराल वालों पर शक जताया।
कुछ समय बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक नहर में सड़ी-गली लाश मिली। अंकित ने फोटो देखकर दावा किया कि वह शीतल की लाश थी। इसी आधार पर पुलिस ने शीतल के माता-पिता और चार रिश्तेदारों को गिरफ़्तार कर लिया और आरोप लगाया कि उन्होंने शीतल की हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया।
लेकिन वर्षों बाद एक और शव मिला, जिसे भी शीतल का बताया गया। इस नए मोड़ ने पुलिस की शुरुआती पहचान पर सवाल खड़े कर दिए। न तो फॉरेंसिक पुष्टि हो पाई और न ही ठोस सबूत मिल सके। अब यह केस लगभग ख़त्म माना जा रहा है और जिन लोगों पर हत्या का आरोप था, वे रिहा हो सकते हैं — जबकि शीतल की गुमशुदगी और मौत के पीछे की सच्चाई अब भी रहस्य बनी हुई है।